गहलोत यहां बजाज नगर स्थित राजस्थान खादी ग्रामोद्योग संस्था संघ परिसर में खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी 2019-20 एवं गांधी म्यूजियम के उद्घाटन के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2 माह के अल्प समय में अच्छा म्यूजियम बनाया गया है और मुझे उम्मीद है कि इसके माध्यम से गांधीजी के विचारों को हमारी युवा पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जीवन ही उनका संदेश है। नई पीढ़ी को उनकी जीवनी पढ़ने की आवश्यकता है। गांधीजी के संदेश घर-घर पहुंचे और युवा पीढ़ी तक सत्य, अहिंसा और भाईचारे के उनके विचारों को पहुंचाया जा सके, इसके लिए राज्य सरकार ने 50 करोड़ रुपए का अलग से बजट प्रावधान किया है। हमारा प्रयास है कि एक शानदार संग्रहालय और गांधी आश्रम स्थापित हो, जहां देश-विदेश के पर्यटक आकर गांधीजी के जीवन दर्शन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जान सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सरकार ने शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ की स्थापना की है, जिसे आगे चलकर विभाग बनाया जाएगा। इस विभाग के माध्यम से शांति, सद्भाव एवं भाईचारे को बढ़ावा दिया जाएगा। राजस्थान पहला ऎसा राज्य है जिसनेे गांधीजी के शांति, अहिंसा एवं सद्भाव के विचारों को फैलाने के लिए यह प्रकोष्ठ बनाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के खादी उत्पादों पर 50 प्रतिशत की छूट दी है। इतनी बड़ी छूट देने का फैसला देश के इतिहास में पहली बार किया गया है ताकि प्रदेश में खादी एवं ग्रामोद्योग से जुड़ी संस्थाओं को मजबूत किया जा सके, खादी का उत्पादन बढ़े और बुनकरों के लिए रोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर पैदा हो सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खादी के लिए रिवॉल्विंग फण्ड 3 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया है। खादी-ग्रामोद्योग से जुड़ी संस्थाओं की अन्य समस्याओं का भी परीक्षण कर उनके समाधान की दिशा में प्रयास किए जाएंगे।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने गांधी म्यूजियम का उद्घाटन करने के बाद उसका अवलोकन किया। चन्द्रा इनोवेशन फाउण्डेशन द्वारा तैयार इस म्यूजियम में गांधीजी के शुरूआती दिनों से लेकर उनके अंतिम दिनों तक के घटनाक्रम, उनके दक्षिणी अफ्रीका प्रवास, आजादी के आंदोलन में उनके योगदान सहित गांधीजी के विचारों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया गया है। मुख्यमंत्री को फाउण्डेशन के ट्रस्टी पवन पारीक ने म्यूजियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी।