हमारी कलम हमेशा जनहित में चली है और आगे भी चलेगी : मुख्यमंत्री
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हमारी कलम हमेशा जनहित में चली है और आगे भी जनहित में ही चलेगी। आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण में अचल सम्पत्ति के प्रावधान हटाने के निर्णय का गांव-ढाणी तक स्वागत होना और हजारों की संख्या में लोगों का आभार व्यक्त करने लगातार मुख्यमंत्री निवास पहुंचना यह बताता है कि सरकार की कलम सही फैसले के लिए चली है। 

 

गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल सम्पत्ति के प्रावधान हटाने पर प्रदेशभर से बड़ी संख्या में आभार व्यक्त करने आए लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री का राजपुरोहित समाज, मुस्लिम समाज, राजपूत समाज, नर्सिंगकर्मियों, वकीलों, खिलाड़ियों सहित अलग-अलग प्रतिनिधिमण्डलों ने माला एवं साफे पहनाकर, अभिनंदन पत्र भेंट कर तथा नारे लगाकर गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। 


 

गहलोत ने कहा कि हमारी यह भावना रही है कि सभी तबकों के साथ समानता और न्याय का व्यवहार हो। यह फैसला हमारी इसी समावेशी सोच को साकार करता है। उन्होंने कहा कि सामान्य वर्ग में बड़ी संख्या में ऎसे परिवार हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। ईडब्ल्यूएस आरक्षण की बाधाओं को दूर करने से उन्हें राहत मिली है। सरकार के इस कदम का लाभ लेने के लिये शिक्षा से जुड़ना बेहद जरूरी है। सभी समाजों के प्रबुद्ध लोग शिक्षा के प्रसार में अपनी भागीदारी निभाएं।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार भी राज्य सरकार की तरह अपनी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण के अचल सम्पत्ति संबंधी प्रावधान हटाए। इसके लिए मैंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरे पहले कार्यकाल में ही हमने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 14 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल की थी, लेकिन तब संविधान संशोधन नहीं हो पाने के कारण इसका लाभ नहीं मिल सका था। खुशी की बात है कि अब हमारा यह सपना साकार हुआ है।