परस्पर संवाद से खुलेगी निवेश की राह, बनेगा बेहतर औद्योगिक माहौल : डॉ. अग्रवाल
जयपुर। प्रदेश में उद्योग विभाग का संभागीय औद्योगिक संवाद कार्यक्रम गुरुवार से आरंभ हो गया। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने उदयपुर संभागीय औद्योगिक संवाद कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि परस्पर संवाद से प्रदेश में औद्योगिक निवेश की राह खुलेगी वहीं स्थानीय स्तर की समस्याओं और विवादों का जिला स्तर पर ही निस्तारण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की यह अनूठी पहल है। एमएसएमई एक्ट में बदलाव लाकर सरकार ने नई पहल की है, वहीं राजस्थान पहला प्रदेश है जहां केन्द्रीय कानून तक में तीन साल तक नए उद्यमियों को अनुमति लेने से मुक्त किया गया है। संभागीय औद्योगिक संवाद कार्यक्रम में उदयपुर चैंबर ऑफ कामर्स के साथ ही संभाग के 15 औद्योगिक परिसंघोेें के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। औद्योगिक संवाद कार्यक्रम में राज्य सरकार के नए एमएसएमई एक्ट सहित राज्य सरकार द्वारा सरलीकरण की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी दी। संभाग में नए उद्योगों की स्थापना व पूर्व स्थापित उद्यमों के विस्तारीकरण के लिए उद्यमियोंं से आगे आने का आग्रह किया। संवाद कार्यक्रम में उद्योग विभाग से संयुक्त निदेशक आरके आमेरिया, रीको  के वित्तीय सलाहकार अशोक पाठक और बीआईपी से नागेश ने हिस्सा लिया वहीं महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र विपुल जानी ने समन्वय किया। महाप्रबंधक विपुल जानी ने बताया कि संवाद कार्यक्रम में जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में रीको, खान, फैक्ट्री एवं वायलर, राजस्व विभागों से संबंधित 5 जिलों की करीब 80 परिवेदनाएं प्राप्त हुई। अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अग्रवाल ने संबंधित अधिकारियों को परिवेदनाओं के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने जिला व राज्य स्तर पर डिसपुट रिड्रेशल मैकेनिज्म विकसित किया गया है।