रवींद्र मंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने उठाया लुत्फ
जयपुर। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की 102वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में राज्य के कला, साहित्य और पुरातत्व विभाग की ओर से रवीन्द्र मंच पर अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरे का आयोजन कवि और गीतकार गोपाल दास 'नीरज' की स्मृति में किया गया। मुशायरे का शुभारम्भ प्रदेश के कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला, सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री डॉ. रघु शर्मा एवं मुख्य सचिव डी.बी. गुप्ता ने ज्योति प्रज्वलित कर किया। मुशायरे में देश और प्रदेश के नामचीन कवि, कवयित्री और शायरों ने अपनी रचनाओं से प्रेम, भाईचारे, देशप्रेम और कौमी एकता का संदेश देते हुए समां बांधा। मंत्री कल्ला ने मुशायरे का शुभारम्भ करने के बाद अपने उद्बोधन में देश के नवनिर्माण में स्व. इंदिरा गांधी के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि इंदिरा जी एक ऎसी महान शख्सियत थी, जिन्होंने धर्मनिरपेक्षता और कौमी एकता को मजबूत बनाने के साथ देश में हरित क्रांति और धवल क्रांति के लिए अविस्मरणीय कार्य किया। इंदिरा जी देश में विकास के नए आयाम स्थापित करते हुए विश्व में भारत की धाक जमाई, वे तीसरी दुनियां की सशक्त नेता थी। उन्होंने बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर बैंकों के आम आदमी के लिए खोल दिए। कल्ला ने मुशायरे में आए शायर, गीतकार, कवियत्री और कवियों का इस्तकबाल करते हुए कहा कला-संगीत और साहित्य व्यक्ति के व्यक्तित्व को परिपूर्ण बनाते हैं, इनके बिना मानव जीवन अधूरा है। उन्होंने गीतकार गोपालदास 'नीरज' की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि साहित्य की दुनियां में उनके अतुलनीय योगदान को सदैव अविस्मरणीय रहेगा। कार्यक्रम में कला, साहित्य और पुरातत्व विभाग की प्रमुख सचिव श्रेया गुहा, कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव रोली सिंह, सम्भागीय आयुक्त के.सी. वर्मा, विवेक बंसल और राजीव अरोड़ा के अलावा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। इससे पहले मंत्री कल्ला, मंत्री शर्मा और मुख्य सचिव गुप्ता ने रवीन्द्र मंच पर लगाई गई राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन वृत से संबंधित छायाचित्रोंं की प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

 

मुशायरे में खचाखच भरे रवीन्द्र मंच के सभागार में डॉ. कुमार विश्वास, प्रो. वसीम बरेलवी, हसन कमाल, डॉ. कुंवर बैचेन, शीन काफ निजाम, डॉ. विष्णु सक्सेना. संतोष आनंद, रामेन्द्र त्रिपाठी, प्रभा ठाकुर, मलका नसीम, शकील आजमी, डॉ. कीर्ति काले, डॉ. ताहिर फराज, डॉ. अंजना सिंह सैंगर, डॉ. अशोक अंजुम, मंजीत सिंह, अम्बर आबिद, मुमताज नसीम, अबरार कासिफ और अखिलेश तिवाड़ी जैसे ख्यातनाम कवि, कवियत्री और शायरों ने अपनी कविता, शायरी, गजल और नज्मों से जयपुर शहर की फिजा में साहित्य के रंग भरते हुए उपस्थित लोगों की भरपूर दाद हासिल की।